पं.लड्डू गुरु

स्वर्ण ओर रजत श्रृंगार

माँ बगलामुखी के कई स्वरूप हैं। कहते हैं कि देवी माँ बगलामुखी, समुद्र के मध्य में स्थित मणिमय द्वीप में अमूल्य रत्नों से सुसज्जित सिंहासन पर विराजमान हैं। देवी त्रिनेत्रा हैं, मस्तक पर अर्ध चन्द्र धारण करती है, पीले शारीरिक वर्ण युक्त है, देवी ने पीला वस्त्र तथा पीले फूलों की माला धारण की हुई है। देवी के अन्य आभूषण भी पीले रंग के ही हैं तथा अमूल्य रत्नों से जड़ित हैं।

देवी, विशेषकर चंपा फूल, हल्दी की गांठ इत्यादि पीले रंग से सम्बंधित तत्वों की माला धारण करती हैं। यह रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती हैं। एवं माँ को पीली वस्तु बहुत प्रिय है इसलिये माँ भगवती बगलामुखी माता का स्वर्ण शिंगार किया जाता है एवं रजत शिंगार किया जाता विषेस महत्व पर विषेस त्योहार पर नवरात्रि पर्व पर माँ बगलामुखी जयंती पर्व पर एवं राष्टिय दिवसःपर्व पर भी माँ को 3 रंगों की चुनरी ओढ़ाकर माता का शिंगार किया जाता है एवं विषेस दिनों पर भी माँ भगवती बगलामुखी का शिंगार किया जाता है

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